चंद्रयान-3 चाँद पर उतर तो गया लेकिन क्यूँ ? आखिर चाँद पर करेगा क्या ?

Photo of author

By headlines247livenews.com

चंद्रयान-3 चाँद पर उतर तो गया लेकिन क्यूँ ? आखिर चाँद पर करेगा क्या ?

चंद्रयान-3-चाँद-पर-उतर-तो-गया-लेकिन-क्यूँ-आखिर-चाँद-पर-करेगा-क्या-

चंद्रयान-3 बुधवार शाम यानी 23 अगस्त 2023 को चंद्रमा की धरती पर पहुंच गया। इस बात की खुशी केवल भारतीयों को नहीं बल्कि पूरे विश्व को है। इस नजारे को देखने के बाद पूरा देश खुशी से झूमने लगा। लेकिन क्या आपको पता है की चंद्रयान 3 आखिर चांद पर क्यों गया ? चंद्रयान-3 को भेजने का मकसद क्या है ? खुशी तब दुगना मज़ा देती है जब हमें पता होता है कि हम खुश क्यों है। तो आइए जानते हैं के चंद्रयान-3 को चांद पर क्या करने के लिए भेजा गया।

चंद्रयान-3 के साथ 7 पेलोड

चंद्रयान-3में7महत्वपूर्णचीजेंहैंजिन्हेंपेलोडकहाजाताहैइनमेंसेचारपेलोड लैंडर विक्रम से जुड़े हुएहैंउनमेंसेदोदूसरेभागसे जुड़ेहैंजिसेप्रज्ञान (रोवर )कहाजाताहै,औरएकभागप्रोपल्शनमॉड्यूल के साथ जुड़ाहै। लैंडर और रोवर से जुड़े पेलोडवैज्ञानिकोंको चंद्रमा की सतह का अध्ययनकरनेमेंमददकरेंगे।इसबीच,प्रोपल्शनमॉड्यूलवालापेलोड चंद्रमा की कक्षा से पृथ्वी का अध्ययन करेगा।

चंद्रयान-3 के साथ 7 पेलोड, सातों पैलोड के नाम और काम

सातों पैलोड के नाम और काम

पैलोड के नाम कार्य क्षमता किसके साथ
रेडियो एनाटॉमी ऑफ मून बाउंड हायपरसेंसटिव आयनोस्फियर एंड एटामोस्फियर(Radio Anatomy of Moon Bound Hypersensitive ionosphere and Atmosphere (RAMBHA)चांद की सतह के निकट प्लाज्मा के घनत्व और समय के साथ परिवर्तन को मापेगा।विक्रम (लेन्डर)
चंद्र सरफेस थर्मो फिजिकल एक्सपेरिमेंट(Chandra’s Surface Thermo physical Experiment (ChaSTE)चंद्रमा के ध्रुवीय क्षेत्रों के निकट वहां की सतह के तापीय गुणों का अध्ययन करेगा।विक्रम (लेन्डर)
इंस्ट्रूमेंट फॉर लूनर सीस्मिक एक्टिविटी(Instrument for Lunar Seismic Activity, ILSA)चंद्रमा के क्रस्ट और मैटल की संरचना को चित्रित करेगा।विक्रम (लेन्डर)
लेजर रिट्रोरिफ्लेक्टर ऐरे(LASER Retroreflector Array (LRA)चंद्रमा की गतिकीय प्रणाली समझाएगा।विक्रम (लेन्डर)
लेजर इंड्यूश्ड ब्रेकडाउन स्पेक्ट्रोस्कोप(LASER Induced Breakdown Spectroscope (LIBS)चांद की सतह पर मौजूद तत्वों का गुणात्मक और मात्रात्मक विश्लेषण करेगा ।प्रज्ञान (रोवर)
अल्फा पार्टिकल एक्स-रे स्पेक्ट्रोमीटर(Alpha Particle X-ray Spectrometer (APXS)लैंडिंग साइट के आसपास चंद्रमा की धूल और चट्टानों की मौलिक संरचना का पता लगाएगा। इसके साथ ही चंद्र लैंडिंग स्थल के आस-पास मिट्टी और चट्टानों की मौलिक संरचना (Mg, Al, Si, K, Ca,Ti, Fe) की भी जांच करेगा।प्रज्ञान (रोवर)
स्पेक्ट्रो पोलरिमीट्री ऑफ हैबिटेबल प्लेनेट अर्थ(Spectro-polarimetry of HAbitable Planet Earth (SHAPE)चंद्रमा की कक्षा में रहकर परावर्तित प्रकाश से पृथ्वी जैसे रहने योग्य ग्रहों की खोज में मदद करेगा।प्रोपल्शनमॉड्यूल

रोवर करेगा चंद्रमा मे खुदाई

एस सोमनाथ ने कहा कि लैंडर के साथ गए रंभा(RAMBHA) और ILSA 14 दिन सक्रिय रहेंगे। इस दौरान सभी पेलोड ऐसे प्रयोंगों को अंजाम देंगे, जो पहले कभी नहीं हुए। इस दौरान पेलोड की मदद से चंद्रमा के वायुमंडल व सतह का अध्ययन किया जाएगा। इसके अलावा रोवर चंद्रमा की खनिज संरचना को समझने के लिए सतह की खुदाई भी करेगा।

आशा है की चंद्रयान-3 बहुत जल्दी नए नए तथ्यों को उजागर करेगा जो हमें चंद्रमा को समझने में मदद करेगा। यकीन मानिए चंद्रयान-3 की खोज किसी खजाने से कम न होगी।

Leave a Comment